प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) 2016 में शुरू की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और बीमारियों के कारण फसल नुकसान से आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। यह योजना “वन नेशन, वन क्रॉप, वन प्रीमियम” के सिद्धांत पर आधारित है। आइए इस योजना के प्रमुख बिंदुओं को समझते हैं।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का उद्देश्य
उद्देश्य | इसे सरल शब्दों में समझें |
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किसानों की आर्थिक सुरक्षा | फसल खराब होने पर किसानों को बीमा की मदद से पैसा देना ताकि वे अपने परिवार का खर्च चला सकें। |
आय स्थिर रखना | खेती में हुए नुकसान के बावजूद किसानों की आमदनी को स्थिर बनाए रखना। |
आधुनिक पद्धतियों को अपनाना | किसानों को नई और उन्नत खेती के तरीके अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना, जैसे आधुनिक बीज और तकनीक का इस्तेमाल। |
कृषि क्षेत्र में ऋण प्रवाह | किसानों को खेती के लिए बैंकों से आसानी से कर्ज दिलाने में मदद करना। |
विशेषताएँ (Key Features of PMFBY in Hindi)
1. बीमा प्रीमियम दर:
- खरीफ फसलों के लिए: 2%
- रबी फसलों के लिए: 1.5%
- वाणिज्यिक/बागवानी फसलों के लिए: 5%
2. कवरेज:
- प्राकृतिक आपदाएँ: बाढ़, सूखा, तूफान, ओलावृष्टि।
- कीट और बीमारियाँ।
3. बुआई न होने पर बीमा:
- यदि प्रतिकूल मौसम के कारण बुआई न हो पाए, तो बीमित राशि का 25% तक भुगतान।
4. कटाई के बाद नुकसान:
- कटाई के बाद 14 दिनों तक चक्रवात या बेमौसम बारिश से हुए नुकसान का कवरेज।
5. स्थानीय आपदाएँ:
ओलावृष्टि, भूस्खलन, और जलभराव से प्रभावित खेतों का बीमा।
6. क्षेत्र आधारित योजना:
राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित क्षेत्र (Notified Area) के आधार पर बीमा।
योजना का संचालन (Implementation of PMFBY 2025)
यह योजना कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय (MoA&FW) के अंतर्गत चयनित बीमा कंपनियों के माध्यम से लागू की जाती है। इसके संचालन में राज्य सरकार, सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, और अन्य वित्तीय संस्थान सहयोग करते हैं।
एजेंसी | भूमिका |
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कृषि मंत्रालय | योजना के क्रियान्वयन की निगरानी और दिशा-निर्देश प्रदान करना। |
राज्य सरकार | अधिसूचित क्षेत्र और फसलों का निर्धारण करना। |
बीमा कंपनियाँ | बीमा कवरेज और दावों का निपटान करना। |
अधिसूचित क्षेत्र
अधिसूचित क्षेत्र वह क्षेत्र होता है जिसे राज्य सरकार किसी खास मौसम (जैसे खरीफ या रबी) के दौरान किसी विशेष फसल के लिए बीमा कवरेज के लिए अधिसूचित करती है। यह क्षेत्र उन इलाकों को इंगीत करता है जहां प्राकृतिक आपदाओं जैसे बेमौसम बारिश, सूखा, या ओलावृष्टि की वजह से फसल को नुकसान होने की संभावना अधिक होती है। इस तरह के क्षेत्रों को बीमा के तहत लाने से किसानों को ज्यादा सुरक्षा मिलती है।
उदाहरण:
मान लीजिए, उत्तर प्रदेश के किसी जिले में सूखा की स्थिति बनी है। राज्य सरकार उस जिले को अधिसूचित करती है और वहां के किसानों को Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana के तहत बीमा कवरेज मिलता है। यदि उस क्षेत्र में किसानों की गेहूं की फसल सूखे के कारण खराब हो जाती है, तो वे बीमा के तहत मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं। यह कवरेज उस खास जिले तक ही सीमित होगा, और वहां के किसान अपनी फसल के लिए बीमा का लाभ उठा सकते हैं।
जोखिम कवरेज (Risks Covered)
जोखिम | इसे सरल शब्दों में समझें |
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फसल उत्पादन हानि | प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, सूखा, तूफान, कीट और बीमारियों के कारण फसलों के खराब होने का नुकसान। |
बुआई न होने पर | प्रतिकूल मौसम के कारण अगर किसान बुआई ही न कर पाए, तो बीमा की मदद से 25% राशि दी जाएगी। |
कटाई के बाद नुकसान | कटाई के बाद 14 दिनों तक बेमौसम बारिश और चक्रवात से फसल खराब होने का बीमा। |
स्थानीय आपदाएँ | ओलावृष्टि, भूस्खलन, और जलभराव जैसे कारणों से खेतों को हुए नुकसान का कवरेज। |
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभ
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं और फसलों की क्षति से सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाई गई है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को कई प्रकार के लाभ मिलते हैं, जो उन्हें खेती जारी रखने में मदद करते हैं। इसके कुछ मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं:
- सम्पूर्ण बीमा कवरेज: यह योजना खरीफ और रबी फसलों के लिए व्यापक बीमा कवरेज प्रदान करती है, ताकि किसान किसी भी प्राकृतिक आपदा से होने वाली फसल क्षति के लिए वित्तीय सुरक्षा प्राप्त कर सकें।
- विशेष परिस्थितियों में अतिरिक्त कवरेज: योजना में उन विशेष परिस्थितियों के लिए भी कवरेज प्रदान किया गया है जो सामान्य बीमा से बाहर हो सकती हैं, जैसे सूखा, बेमौसम बारिश आदि।
- किसानों के लिए वैकल्पिक: यह योजना किसानों के लिए वैकल्पिक है, चाहे वे लोन लेने वाले किसान हों या नॉन-लोन वाले किसान। सभी किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
- किसानों की आय में स्थिरता: इस योजना के तहत किसानों को अपनी फसलों का बीमा कराने से आय में स्थिरता मिलती है, जिससे वे बिना किसी चिंता के खेती कर सकते हैं और कृषि व्यवसाय को जारी रख सकते हैं।
प्रीमियम दरें
इस योजना के तहत किसानों को बीमा प्रीमियम का भुगतान करना होता है, जो विभिन्न फसलों और मौसमों के हिसाब से अलग-अलग होता है। नीचे कुछ प्रमुख प्रीमियम दरें दी गई हैं:
S. No. | मौसम | फसलें | अधिकतम बीमा शुल्क (किसान द्वारा भुगतान प्रतिशत) |
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1. | खरीफ | खाद्यान्न और तेलहन फसलें (सभी अनाज, मिलेट्स, तेलहंन, दलहन) | 2.0% या एक्चुअल रेट, जो भी कम हो |
2. | रबी | खाद्यान्न और तेलहन फसलें (सभी अनाज, मिलेट्स, तेलहंन, दलहन) | 1.5% या एक्चुअल रेट, जो भी कम हो |
3. | खरीफ और रबी | वार्षिक वाणिज्यिक/वार्षिक बागवानी फसलें | 5% या एक्चुअल रेट, जो भी कम हो |
किसानों द्वारा भुगतान की जाने वाली प्रीमियम दर और बीमा शुल्क के बीच का अंतर “नॉर्मल प्रीमियम सब्सिडी” के रूप में माना जाता है, जिसे केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बराबरी से वहन करती हैं।
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana Eligibility
पात्रता शर्त | विवरण |
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भूमि का मालिक होना | किसान को अपनी ज़मीन पर खेती करनी चाहिए। वह किसान या श्रमिक (sharecropper) हो सकता है। |
भूमि का प्रमाण | किसान के पास अपनी ज़मीन का प्रमाण होना चाहिए, जैसे ज़मीन का दस्तावेज़ या पट्टा। |
समय सीमा में आवेदन | किसान को बीमा के लिए आवेदन बोवाई (बीज बोने) के 2 हफ्ते के अंदर करना होगा। |
किसी और से मुआवजा न मिलना | अगर किसान को उसी फसल के लिए कहीं और से मदद मिली हो, तो वह बीमा का लाभ नहीं ले सकता। |
बैंक खाता और पहचान | किसान के पास एक काम करने वाला बैंक खाता होना चाहिए और पहचान प्रमाण (जैसे आधार कार्ड) देना होगा। |
अधिसूचित क्षेत्र में खेती | किसान को उस क्षेत्र में खेती करनी होगी, जिसे राज्य सरकार ने बीमा के लिए चुना हो। |
अपवाद (Exclusions)
इस योजना के तहत निम्नलिखित जोखिम और नुकसान को कवर नहीं किया जाएगा: जैसे, युद्ध और संबंधित खतरें, परमाणु जोखिम, दंगे, शरारतपूर्ण क्षति, चोरी, दुश्मनीपूर्ण क्रियाएं, घरेलू या जंगली जानवरों द्वारा फसल को चरना या नष्ट करना, कटाई के बाद इकट्ठी की गई फसल का नुकसान (जो थ्रेशिंग से पहले किसी स्थान पर एकत्रित की गई हो), और अन्य रोकथाम योग्य जोखिम जो किसान द्वारा नियंत्रित किए जा सकते हैं।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में आवेदन कैसे करें?
- आधिकारिक पोर्टल पर जाएं: सबसे पहले, किसान को Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana Online Apply करने के लिए आधिकारिक पोर्टल pmfby.gov.in पर जाना होगा।
- किसान कोने पर क्लिक करें: पोर्टल पर जाने के बाद “Farmer Corner” पर क्लिक करें।
- यदि खाता नहीं है तो Guest Farmer पर क्लिक करें: यदि आपके पास पोर्टल पर खाता नहीं है, तो Guest Farmer पर क्लिक करें। सभी आवश्यक जानकारी सही से भरें और Submit पर क्लिक करें। इस तरह आपका खाता बन जाएगा।
- बीमा योजना के फॉर्म को भरें: फॉर्म में सभी जानकारी सही से भरें और योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज़ प्रदान करें।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में क्लेम कैसे करें?
- फसल के नुकसान पर क्लेम दर्ज करें: यदि फसल में नुकसान होता है, तो किसान को नुकसान की घटना के 72 घंटों के अंदर बीमा कंपनी से क्लेम दर्ज करना होता है।
- क्लेम फाइल करने के लिए पोर्टल पर जाएं: पोर्टल पर दिए गए “Report Crop Loss” लिंक पर क्लिक करें या ऐप डाउनलोड कर के फसल के नुकसान की जानकारी दर्ज करें।
- समर्थन दस्तावेज़ प्रदान करें: क्लेम के साथ, फसल के नुकसान की तस्वीरें और गांव स्तर समिति (VLC) या कृषि विभाग से रिपोर्ट की प्रतियां प्रदान करनी होती हैं।
आवश्यक दस्तावेज़
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है:
- बैंक खाता संख्या – किसान को अपना बैंक खाता नंबर देना होता है।
- आधार कार्ड – किसान का आधार कार्ड।
- खसरा नंबर – ज़मीन का खसरा नंबर देना होता है।
- समझौता पत्र की फोटोकॉपी – अगर ज़मीन पट्टे पर हो तो समझौता पत्र की फोटोकॉपी।
- राशन कार्ड – राशन कार्ड की प्रति।
- वोटर आईडी – किसान का वोटर आईडी।
- ड्राइविंग लाइसेंस – ड्राइविंग लाइसेंस की प्रति (यदि हो तो)।
- पासपोर्ट साइज फोटो – किसान की पासपोर्ट साइज फोटो।
PMFBY से संबंधित कुछ नवीनतम FAQs
डिस्क्लेमर:
यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। इस योजना से संबंधित सभी विवरण और नियम सरकार द्वारा समय-समय पर बदले जा सकते हैं। उपयोगकर्ता से अनुरोध है कि वे अधिकृत सरकारी पोर्टल से जानकारी सत्यापित करें। इस लेख में दी गई जानकारी के आधार पर कोई निर्णय लेने से पहले अपनी समझ और परिस्थितियों का विचार करें। लेखक और वेबसाइट किसी भी प्रकार की त्रुटि या जानकारी में बदलाव के लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।